अपनी बांहों में भरे घूमूं तसव्वुर जिसका,
आज की रात उसे बस मेरा तू मेहमां कर दे,
जिसकी "खुशबू" से महकता है हर लम्हा मेरा,
वो कली चूम के आने का तो सामां कर दे,
सारी दानाई निछावर मेरी, उसकी नादानी पर,
मुझको भी उसकी तरह बस , आज तू नादां कर दे,
मेरे इस दिल के पयाले में है हसरत जो भरी,
उसकी उन सुरमई आँखों में वो अरमां भर दे,
उसका आगोश ही है बस एक मेरा चारागर,
उसके बीमार की ये रात कुछ आसां कर दे,
जिस तरह मैंने गंवाया है ये अपना चैनो-सुकूं,
मेरी तड़पन ये उसे आज परेशां कर दे,
दिल के वो पास रहे, आँखों से सदा दूर रहे ,
क्यूं न वो सामने आकर मुझे हैरां कर दे ,
जिस बू-ऐ-ख़ुश से है मदहोश क़लम आज तेरी ,
सर सरे-आम झुका "संजीव" , उसे भगवां कर दे.
खुबसूरत प्रस्तुती......
जवाब देंहटाएंबहुत खूब्सूतात शेर हैं सभी ... प्रेम की गहराई और एहसास लिए ...
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