सबको ख़ुश देखा हमने नए साल पर ,
देखा सबको ही हँसते -हंसाते हुए ,
साल सारे हमारे तो बीते मगर ,
इक सज़ा जैसे रोते रुलाते हुए ।
साल है ये नया , हो मुबारक तुम्हें ,
न मुबारक कोई साल मुझको हुआ ,
न जिए कोई दुनिया में मेरी तरह ,
इस नए साल पर है मेरी ये दुआ ।
जश्न की रात वो तो सदा की तरह ,
अपनी तो बीती आंसू छिपाते हुए ।
हर नए साल ने है बहुत कुछ दिया ,
दीं नयी उलझनें , मुश्किलें दीं नयी ,
ग़म नए कुछ दिए , कुछ नयी जिल्लतें ,
इम्तहाँ और नाक़ामियां कुछ नयी ,
दिल में डर है छिपा , मैं हूँ सहमा हुआ ,
अब ये है साथ लाया क्या आते हुए ।
पर है थोडी खुशी भी , गया साल इक ,
हो गयी कम सज़ा और इक साल की ,
जैसे अब तक कटे , ये भी कट जायेगा ,
क्यों हो परवाह अब और इक साल की ,
आप जी भर जियें इस नए साल में ,
बीतूं ना मैं भी इसको बिताते हुए ।
dard.ogham ko asardaar lafzon mein pirone ke
जवाब देंहटाएंnafees dhang se vaaqif hain aap...
aapki aah mein aapka bemisaal adab posheeda hai
yahi prerna hai aapke liye, yahi taaqat hai...
Ek achhi rachna pr badhaaee....
---MUFLIS---
bahut khoob,
जवाब देंहटाएं'duniyaa ne tajaribaat-o-havaadis kee shaql men
jo kuchh mujhe diyaa vo lautaa rahaa hoon main'.
aur aapkee rachanaa padh kar yaad aayaa:
abake bhee aakar vo koee haadasaa de jaaegaa
aur usake paas kyaa hai jo nayaa de jaaegaa.'