आगामी गुरु गोचर....कन्या राशि में ........
अगस्त ग्यार तारीख़ से, गुरु कन्या का होय,
हित ज्योतिष-जिज्ञासु के, बरनूं फल मैं सोय,
प्रथम जानो संक्षेप में, किस पर शुभ यह चाल,
पीछे विस्तृत रूप में, पढ़ेंगे सारा हाल,
वृषभ, सिंह, मीन और मकर, वृश्चिक पर शुभ जान,
सर्वविधी अनुकूल, इस, समय को लीजो मान,
वृष से पंचम में चलें जब, गुरूदेव महाराज,
संकट सारे दूर हों, बन जाएँ सब काज,
सुख-उन्नति धन-आगमन, कार्य सफलता दायी,
पद-वृद्धि संतान-सुख, रहे ख़ुशी घर छायी,
सिंह से दूजे थान में, गुरूदेव जो जायँ,
धन-ख्याति दोनों बढ़ें, शत्रु दग्ध हो जायँ,
वृश्चिक से हो ग्यारहवें, जब गुरु का संचार,
कार्यालय पद-वृद्धि हो, उन्नति सभी प्रकार,
सुत की प्राप्ति हो तथा, मान बढे पद साथ,
शत्रु स्वयं ही नष्ट हों, लगे सफलता हाथ,
मकर राशि से नवम में, गुरु देव जब आयँ,
उत्तम भोजन, पुत्र-सुख, स्त्री-संग दे जायँ,
घर की होवे प्राप्ति, उन्नति सभी प्रकार,
मन में उपजे शान्ति, उत्तम रहें विचार,
कन्या के गुरु, मीन से, रहें सात घर दूर,
रहेगा उत्तम काल ये, सुख सम्पति भरपूर,
स्वास्थ्य सही रहवे तथा तन-मन नहीं विकार,
उत्सव में हो व्यस्तता, ऊंचों से सत्कार,
यात्राएं होवें सुखद,सर्व सफलतादाई ,
सुत-दारा का सुख रहे, बढ़ी रहे प्रभुताई,
वेध का भी, अंशों सहित, पूरा करें विचार,
शुभता में वृद्धि-कमी, रहे उसी अनुसार,
कर शास्त्रों से संकलित, तुक में दिया पिरोय,
त्रुटियों पर होवे क्षमा, श्रेय ऋषी को होय,
तुच्छ-अकिंचन-अल्पबुध, का यह क्षुद्र प्रयास,
नाम लघु
“संजीव” है, गंगा तीरे वास ...........
संजीव मिश्रा