गुरुवार, 11 मार्च 2021

मुबारकबाद इस दिन की.....

तुम्हें सौ साल तक बोलूं मुबारकबाद इस दिन की,
न ऐसा दिन कभी आये के ना हो याद इस दिन की।

रहे सौ साल तक रौशन तुम्हीं से घर हमारा ये,
यूं ही खिलता-दमकता सा रहे मुखड़ा तुम्हारा ये,
तुम्हारे साथ हों सुबहें, तुम्हारे साथ हों शामें,
तुम्हारे साथ में बीते हरेक दिन-रात जीवन की।


न ऐसा दिन कभी आये के ना हो याद इस दिन की।

कमी कुछ न कहीं भी हो, मिटे खुशियों से हर दूरी,
न हसरत कुछ रहे, हों सब तुम्हारी ख्वाहिशें पूरी,
छलकता हो हृदय सुख से, मिले समृद्धि हर तुमको,
हों पूरे सब तुम्हारे स्वप्न, और  हर कामना मन की।


न ऐसा दिन कभी आये के ना हो याद इस दिन की।

तुम्हें सौ साल तक बोलूं मुबारकबाद इस दिन की,
न ऐसा दिन कभी आये के ना हो याद इस दिन की।

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